प्रतिदिन सुबह खाना बनाने समय पहली रोटी गाय के लिए निकाल दें और शाम को खाना बनाते समय आखिरी रोटी कुत्ते के लिए निकाल लें, अब इसे गाय व कुत्ते को खिलाएं.
दसवें भाग में गुरु का होना लाल किताब के अनुसार सबसे खराब माना जाता है। इससे पूर्व जन्मों और पितृदोष का पता चलता है। यदि गुरु दसवें भाव में नीच का हो रहा है, तो शनि का उपाय करना होगा। दसवें भाव के लिए घर से पूजाघर हटा दें और शराब को छुएं भी नहीं। कोई भी काम शुरू करने से पहले अपनी नाक साफ करें। माथे पर केसरिया तिलक लगाते रहेंगे तो भाग्य जाग जाएगा। इसके अलावा यदि आपका घर उत्तर दिशा में है तो गुरु का बल बढ़ेगा।
हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें ! ऐसा आप चार मंगलवार करें !
नकरात्मक ऊर्जा
विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी
एक उपाय के दौरान दूसरे उपाय का कोई सामान भी घर में न रखें !
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गुरु यदि आठवें भाव में है तो लाल किताब के kismat ka upay अनुसार इसे श्मशान में बैठा साधु कहा गया है। यदि दूसरे भाव में गुरु के सहयोगी ग्रह हैं, तो लाभ होगा। नहीं है तो सोना पहनने से जल्दी लाभ मिलता है। दूसरा यह कि रोज हनुमान चालीसा पढ़ेंगे, श्मशान में पीपल का पेड़ लगाएंगे और राहु का उपाय करेंगे तो भाग्य जाग जाएगा।
१. कुएं में दूध डालें! उस कुएं में पानी होना चहिए !
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गठिया जोड़ो के दर्द
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लाल किताब के अनुसार गुरु यदि छठे, सातवें, आठवें और दसवें घर में है तो वह अशुभ फल देगा। अत: कम से कम इस भाग में बैठे गुरु के उपाय तो करना ही चाहिए। दूसरा यह कि यदि गुरु नवम भाव में बैठे हैं तो सावधानी रखना जरूरी होती है अन्यथा व्यक्ति अपने जागे हुए भाग्य को अपने कर्मों से सुला देता है। तो करें ये उपाय।
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